महाकौशल विश्वविद्यालय परिसर में आज विधिवत् एवं श्रद्धापूर्वक भगवान श्री विश्वकर्मा जी का पूजन किया गया। विश्वविद्यालय परिवार ने एकत्र होकर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान विश्वकर्मा जी की आराधना की और उनकी कृपा से निरंतर प्रगति, ज्ञानवृद्धि एवं सृजनशीलता की कामना की।
विश्वकर्मा जयंती का यह अवसर विशेष रूप से कर्मयोग, कौशल एवं नवाचार के प्रतीक भगवान विश्वकर्मा जी को स्मरण करने का दिन है। उन्हें विश्व के प्रथम अभियंता और शिल्पकार के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने सृष्टि की रचना, नगरों, भवनों एवं अद्भुत यंत्रों का निर्माण किया।
इस अवसर पर महाकौशल विश्वविद्यालय के प्राध्यापकगण, कर्मचारी एवं विद्यार्थीगण उपस्थित रहे और सबने मिलकर भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा-अर्चना की। विश्वविद्यालय परिवार ने यह संकल्प लिया कि हम शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में सदैव आगे बढ़ते हुए समाज एवं राष्ट्र की प्रगति में अपना योगदान देते रहेंगे।
ॐ जय श्री विश्वकर्मा, प्रभु जय श्री विश्वकर्मा।